मुंबई: MSEDCL के घरेलू श्रेणी के ग्राहकों (घरेलू, हाऊसिंग डेवलपमेंट संस्थान और आवासीय कल्याण संघ) के लिए छत सौरऊर्जा उत्पादन प्रणालियों (Rooftop Solar Energy producing system) की स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। सौरऊर्जा उत्पादन प्रणाली मासिक घरेलू बिजली बिलों की बचत करेगी। शेष बिजली भी MSEDCL द्वारा नेट मीटरिंग के जरिए खरीदी जाएगी।
MSEDCL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने हाल ही में योजना की समीक्षा की और क्षेत्रीय कार्यालयों को घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, केन्द्र सरकार की रूफटॉप सोलर स्कीम फेज-2 के तहत MSEDCL के लिए 25 मेगावाट का लक्ष्य मंजूर किया गया है। यह योजना घरेलू ग्राहकों के लिए कम से कम एक किलोवाट (1 kW) की क्षमता वाली रूफटॉप सौरऊर्जा उत्पादन प्रणाली (Rooftop Solar Energy producing system) की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह घरेलू उपभोक्ताओं को 1 से 3 kW तक 40 % और 3 kW से 10 kW तक के लिए 20 % सब्सिडी प्रदान करेगा। साथ ही सामूहिक उपयोग के लिए 500 kW तक, लेकिन प्रत्येक घर के लिए 10 kW की सीमा के साथ, हाऊसिंग डेवलपमेंट संस्थान और आवासीय कल्याण संघ जैसे को ग्राहकों को 20 % सब्सिडी मिलेगी। रूफटॉप सोलर पावर जनरेशन सिस्टम स्थापित करने के लिए सर्किल अनुसार एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। एजेंसियों की सूची और ऑनलाइन आवेदन सुविधा MSEDCL की वेबसाइट www.mahadiscom.in पर उपलब्ध है।
कैसे रहेंगे रेट
रूफटॉप सौरऊर्जा उत्पादन के लिए पांच साल के मेंटेनेंस लागत के साथ आनेवाला खर्चा कुछ इस प्रकार रहेगा:
क्षमता (Capacity) | रेट (प्रति kW) |
1 किलोवॉट | ₹ 46,820 |
1 से 2 किलोवॉट | ₹ 42,470 |
2 से 3 किलोवॉट | ₹ 41,380 |
3 से 10 किलोवॉट | ₹ 40,290 |
10 से 100 किलोवॉट | ₹ 37,020 |
मान लीजिए आप 1 kW का सोलर सिस्टम लगाना चाहते है जिसका खर्च 46,820 रुपये है। इसपर आपको सरकार की तरफ से 40% सबसिडी 18,728 रुपये मिलेगी। इसका मतलब आपका खर्च असल मे सिर्फ 28,092 रुपये ही होगा।
MSEDCL ग्राहकों से खरीदेगी बिजली
रूफटॉप सौरऊर्जा उत्पादन प्रणाली (1 kW क्षमता) के कार्यान्वित होने से जिनका प्रति माह 100 यूनिट तक बिजली उपयोग होता है, उनका बिजली का बिल 500-600 रुपये से कम होगा। साथ ही नेट मीटरिंग के माध्यम से वर्ष के अंत में शेष बिजली प्रति यूनिट के हिसाब से MSEDCL द्वारा खरीदी जाएगी।