दशहरा की सम्पूर्ण जानकारी और पूजा विधि:
शुभकामनाएं और दशहरा की शुभकामना फ़ोटो (इमेजेस);
दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पचांग के अनुसार, अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी यानी दिवाली से ठीक 20 दिन पहले दशहरा (Vijayadashmi Dashahara) मनाया जाता है।
जीत का प्रतीक ‘विजयदशमी’ का त्यौहार शारदीय नवरात्र की नवमी के दूसरे दिन मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने इसी दिन लंकापति रावण का वध किया था। रावणरूपी बुराई पर श्रीरामरूप अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में विजयदशमी का यह त्यौहार मनाया जाता है।
यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया, वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है।
इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गाजी, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है। समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विजयादशमी पर रामायण पाठ, श्री राम रक्षा स्त्रोत, सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाना शुभ माना जाता है।
इस दिन विजय मुहूर्त में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए इसी मुहुर्त में युद्ध का प्रारंभ किया था। कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा (शस्त्र पूजा) के रूप में भी मनाते हैं। दशहरे का दिन साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक होता है। किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए ये दिन उत्तम होता है। इस दिन ब्राम्हण अपने शास्त्रों की एवं क्षत्रिय- योद्धा अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। यही से सनातन हिन्दू धर्म मे शस्त्र-पूजन की परंपरा आरम्भ हुई है।
प्रात: काल उठकर परिवार के सभी सदस्यों को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। सभी शस्त्रों को पूजा के लिए निकाल कर साफ कर लें। इन पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें। सभी शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम का तिलक लगाकर पुष्प अर्पित करें। इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होता है और जीवन में विजय श्री प्राप्त होती हैं। नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत मानी जाती है।
भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है।
कब है दशहरा (Dussehra Date)- नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर को हुई और महानवमी (Maha Navami 2021) 14 अक्टूबर को है। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाता है। दशहरा का त्योहार इस साल (Dussehra 2021 Date) 15 अक्टूबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी (Vijaya Dashami 2021) के रूप में भी मनाया जाता है।