क्या हम घर में मोर रख सकते हैं? जानिए सच्चाई | Can you have a pet peacock in India?

अत्यंत सुंदर, मोहक दिखने वाला मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। हंस के आकार का यह पक्षी, पंखे जैसी पंखों की कलगी, आँख के नीचे सफ़ेद रंग और लंबी पतली नीली गर्दन वाला होता है। इसकी आवाज़ अति मधुर होती है। नर जातीय मोर मादा से अधिक रंगों से भरा होता है जिसका चमकीला नीला सीना और गर्दन होती है और अत्यधिक मनमोहक गहरे हरे रंग के 200 लम्‍बे पंखों का गुच्‍छा होता है। मादा मोर (मोरनी) भूरे रंग की होती है, नर से थोड़ी छोटी और इसके पास रंग भरे पंखों का गुच्‍छा नहीं होता है।


How Much Do Peacock Birds Cost, kya ham mor paal sakte hai


क्या हम भारतीय घर मे मोर रख सकते हैं? | Is keeping a peacock as a pet allowed in India?

इसका जवाब है- नहीं। मोर जंगली जानवर हैं, इसलिए उन्हें रखना कानून के तहत अपराध है। फिर भी यदि आप मोर रखने का निर्णय लेते हैं तो यह संभव है। भारत मे कई जगह पर इसकी अवैध बिक्री होती है और एक मोर की कीमत 15 से 20 हजार के आसपास हो सकती है। कुछ सूत्रों के अनुसार कलकत्ता के गलिफ़ मार्ग पर मोरों की बिक्री होती है। लेकिन एक बात याद रखना आवश्यक है कि भारत मे कोई भी जंगली पशु/पक्षी पालना, खरीदना, बेचना कानूनी अपराध है। 


Peackock as pet bird in India, is peacock as a pet allowed in India


कई गांवों के खेतों में मोर बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं। रात में सन्नाटा हो तो कभी-कभी गांव में मोर की 'पीहू$$$' सुनाई देती है। जब ग्रामीण/किसान सुबह खेतों में जाते हैं तो उन्हें मोर दिखाई देते हैं। जंगल की सीमा से सटे गांवों में मोर घरों के आसपास, आंगनों और घरों की छतों पर देखे जा सकते हैं। ये मोर गांव में अपनी मर्जी से खुलेआम घूमते हैं, इन्हें कोई ग्रामीण बंद/पिंजरे में नहीं रखता। मोरों का गाँव में आने का एक निश्चित समय होता है और जब वे गाँव में आते हैं तो उनके साथ चूज़े/लंडोर नहीं होते हैं। मोरों के उस झुण्ड में सदा केवल मादा ही रहती हैं; शानदार पंखों और चमकीले रंगों वाले चूजे या नर मोर, जैसा कि हम फोटो-वीडियो में देखते हैं, कम ही देखने को मिलते हैं।

जैसे ही धूप तेज होने लगती है, गाँवों में घूमने वाले मोर एक-एक करके निकल जाते हैं। उसके बाद दिनभर पास के नदी किनारे, जंगल मे घनी झाड़ियों में छिप जाते और रात को चरने निकल आते है। मोर एक सर्वाहारी पक्षी है जो फल, बीज, जामुन, कीड़े, अनाज, युवा पौधों आदि को खाना पसंद करता है।


आवारा पशुओं से शिकार होने का खतरा बना रहता है | Peackock as pet bird in India


पंछियों की अन्य प्रजातियों के तुलना में मोर बहुत भारी होता है और बहुत दूर तक नहीं उड़ सकता और न ही बहुत ऊंचा उड़ सकता है। साथ ही तीन-चार उड़ानें भरकर मोर थक जाता है।  मोर की दौड़ कुत्ते या बिल्ली जितनी तेज नहीं होती। नतीजतन, गांव के 2-4 आवारा कुत्तों का समूह आसानी से मोर का शिकार कर सकते हैं, ठीक उसी तरह जैसे मुर्गियां/कबूतर और उनके बच्चे का शिकार कुत्ते और बिल्लियों करते हैं। प्रजनन शक्ति अधिक होने तथा मुर्गियों तथा कबूतरों के चूजों की संख्या अधिक होने के कारण इनकी जाति बनी रहती है। दूसरी ओर एक मादा मोर प्रजनन चक्र में औसतन केवल तीन अंडे देती है, इसलिए उनकी संतान चूजों के शिकार के कारण गाँव में जीवित नहीं रह सकती है, मुख्य रूप से इस कारण गाँव/शहर में केवल शौक के लिए मोरों को रखना संभव नहीं है।

वैसे तो मोरों को रखना (pet peacock) और उनकी शिकार करना अपराध है, लेकिन कुछ लोग जंगल में जाकर मांस के लिए मोरों का शिकार करते हैं। अगर हम घर में मोर पालते (peacock as a pet) हैं तो कुत्तों और बिल्लियों के साथ-साथ ऐसे मांसभक्षी लोगों से उन्हें भी खतरा हो सकता है।

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