Lithium Reserve Rajasthan:कश्मीर के बाद अब राजस्थान में मिला 'सफेद सोना' का भंडार; आत्मनिर्भर भारत मे मिलेगा बड़ा योगदान

जयपुर : राजस्थान सरकार के अधिकारी और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने नागौर (राजस्थान) जिले की डेगाना नगरपालिका क्षेत्र में "सफेद सोना" यानी लिथियम (Lithium reserves) भंडार की खोज की रिपोर्ट दी है। दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में पाया गया लिथियम हाल ही में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir Lithium reserves) में पाए गए अनुमानित 5.9 मिलियन टन से अधिक है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत की कुल लिथियम मांग की 80% आपूर्ति करने की क्षमता इन भांडारो मे है जो चीन पर भारत की निर्भरता को बहुत कम कर देगा।

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रत वर्तमान में अपनी लिथियम (Lithium) आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से विदेशी आयात पर निर्भर है, मुख्य रूप से चीन से। 2020 से 2021 तक भारत ने 6,000 करोड़ रुपये के लिथियम का आयात किया, जिसमें लगभग 3,500 करोड़ रुपये का लिथियम चीन से लिया गया। लिथियम - एक अलौह धातु, स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

यह अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक भारतीय सड़कों पर लगभग 13.92 लाख इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) होंगे। इस लिथियम की खोज वर्तमान में पृथ्वी से निकाले जा रहे अयस्कों (ores) के पूर्ण विकल्प हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी के निर्माण का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि एक बार लिथियम निकालने के बाद, इसका अनिश्चित काल तक उपयोग किया जा सकता है। यह संभव है क्योंकि बैटरी के अंदर से निकाले गए लिथियम को अनेको बार रिसायकल कर नए बैटरी पैक के लिए पुन: उपयोग किया जा सकता है।

यह अनुमान लगाया गया है कि 2027-28 तक, वैश्विक स्तर पर 3,000 GWH (गीगावाट-ऑवर) बैटरी का उत्पादन होगा। इन लिथियम भंडारों की हाल की खोज के साथ, भारत में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की क्षमता है। सरकारी सूत्रों की माने तो, जम्मू और कश्मीर में पाए गए लिथियम की गुणवत्ता अन्य जगहों पर पाए जाने वाले लिथियम से अधिक अच्छी हैं। दुनिया के अन्य लिथियम भांडारो में पाए जाने वाले लिथियम की सांद्रता (Concentration) लगभग 220 PPM है जबकि जम्मू और कश्मीर में पाए गए लिथियम का अनुमानित कंसन्ट्रेशन लगभग 500 पीपीएम है। इसका तात्पर्य यह है कि भारत के लिथियम खनन में आधे लागत में दुगुना लिथियम उत्पादन होगा। अंततः इससे देश दीर्घकालिक लाभ होने की उम्मीद है।

लिथियम (Lithium) की घरेलू आपूर्ति से प्राप्त लागत लाभ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अपनाने में भारत की वर्तमान विकास दर को बनाए रखने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। लिथियम की घरेलू आपूर्ति होने से निर्माता ईवी के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों को बनाए रख सकते हैं, भले ही सब्सिडी योजनाओं को समाप्त कर दिया जाए। यह लंबे समय में उपभोक्ताओं के लिए ईवी की वहनीयता और पहुंच सुनिश्चित करता है।

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