नई दिल्ली (24 जून 2023): विदेशों में भारतीय दवाओं पर सवाल उठने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सरकार की ओर से निरीक्षण अभियान चलाया गया था। इसके बाद FDA (खाद्यान्न और दवाई प्रशासन) ने दवाई निर्माताओं के लिए नियम भी सख्त कर दिए हैं।
पिछले 6 महीने में देश की 134 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने सबसे बड़ी कार्रवाई की है। हिमाचल प्रदेश में अब तक 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है, 11 कंपनियों पर उत्पादन बंद करने के आदेश लगाए गए हैं और दो फार्मा कंपनियों को बंद कर दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central Health Ministry) के सूत्रों के मुताबिक, जब से विदेशों में भारतीय दवाओं को लेकर सवाल उठे हैं, DCGI (भारत के औषधि महानियंत्रक) और राज्य दवा नियामकों ने उत्पाद की गुणवत्ता की जांच शुरू कर दी है। अब तक तीन अलग-अलग चरणों में 134 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया जा चुका है। इसमें पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्यों से नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) दवा के उत्पादन का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनियों के नामों का डेटा संकलित किया गया था। इसमें वे कंपनियां शामिल हैं जो 2019-22 के दौरान 11 से अधिक बार एनएसक्यू (स्टैंडर्ड क्वालिटी ड्रग) में विफल रही हैं। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, पुडुचेरी, केरल, जम्मू, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में प्रत्येकि 1 दवा कंपनियों की जांच की गई है। हिमाचल प्रदेश में 26 दवा निर्माण यूनिट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
इन भारतीय कंपनियों पर अमेरिका लगा चुकी है जुर्माना
जनवरी 2023 में, भारत सरकार ने अरबिंदो फार्मा लिमिटेड (Aurobindo Pharma Ltd.) के स्वामित्व वाले एक विनिर्माण संयंत्र को दोषपूर्ण दवाओं का उत्पादन करते पाए जाने के बाद बंद कर दिया। इसी उल्लंघन के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) द्वारा कंपनी पर 500,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था।
फरवरी 2023 में, FDA ने कई अलग-अलग दवाओं के निर्माण और वितरण के लिए ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को एक चेतावनी पत्र जारी किया, जो विनिर्देशन से बाहर पाए गए थे। USFDA द्वारा इस कंपनी पर भी 2,15,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया।
लुपिन लिमिटेड (Lupin Ltd.) पर अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं के पर्याप्त रिकॉर्ड बनाए रखने में विफल रहने के लिए मार्च 2023 में FDA द्वारा 150,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।
टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स लि. (Torrent Pharmaceuticals Ltd.) पर अपने एक उत्पाद में दूषित पदार्थ की शिकायत की ठीक से जांच करने में विफल रहने के लिए अप्रैल 2023 में FDA द्वारा 100,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।
इन फार्मा कंपनियों पर जो जुर्माना लगाया गया है, वह इस बात की याद दिलाता है कि कंपनियों के लिए जीएमपी और मानक प्रक्रियाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें जुर्माना, उत्पाद वापस लेना और यहां तक कि आपराधिक मुकदमा भी शामिल है।
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