ऑफर देकर कस्टमर्स को ऐसे लूट रही फ्लिपकार्ट-एमेजॉन, मंत्री ने दिया कारवाई का आश्वासन

इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर डिस्काउंट के नाम पर अलग अलग तरह के सेल शुरू है. अमेजन (Amazon) ने इसे ग्रेट इंडियन फेस्टिवल का नाम दिया, तो फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने 'बिग बिलियन डे' नाम से यह डिसकाउंट ऑफर चलाया. ग्राहकों ने खूब खरीदारी भी की, लेकिन उन्हें तब झटका लगा जब पता चला कि डिस्काउंट के नाम पर ये कंपनियां तो उन्हें लूट रही है. अगर आप कैश ऑन डिलीवरी (COD) यानी ऑर्डर किया हुआ सामान मिलने पर पेमेंट करते है तो इसके लिए भी फ्लिपकार्ट और अमेजन अलग से पैसे वसूलता है.

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सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X, पहले ट्विटर) पर लोगो ने अब कंप्लेंट करना शुरू कर दिया है, जिसमे सबसे ज्यादा लूटमार की कंप्लेंट फ्लिपकार्ट के खिलाफ है. खुद को ठगा हुआ महसूस करने पर लोगों ने X पर फ्लिपकार्ट, ग्राहक मंच और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को भी टैग कर कंप्लेंट की और सरकार से नाराजगी जताई.

एक X उपयोगकर्ता और फ्लिपकार्ट के ग्राहक अभिषेक यादव लिखते है "ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म हाल ही में बहुत सारे शुल्क जोड़ रहे हैं—ऑफ़र हैंडलिंग शुल्क, भुगतान हैंडलिंग शुल्क, प्रोटेक्ट प्रॉमिस शुल्क, और भी बहुत कुछ। इन्हें सचमुच हटा दिया जाना चाहिए."

उन्होंने अपने ऑर्डर का स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसमे देखा जा सकता है की फ्लिपकार्ट ने किस तरह से वाहियात चार्जेस लगाकर ग्राहकों को लूट रहा है. 

 
ऑफर भी फ्लिपकार्ट ही दे रहा है, और इसके बदले अभिषेक से 199 रुपए वसूले गए है, दूसरा चार्ज है पेमेंट हैंडलिंग फि यानी ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए वसूली गई रकम जो 139 रुपए है और आखिर में कोई फालतू सी प्रोटेक्ट प्रॉमिस फि जोड़ी गई है. ऐसे कुल मिलाकर 487 रुपए अलग अलग फीस और चार्जेस के नाम पर लूटे गए है. 

यहां आपको एक बात बता दे कि फ्लिपकार्ट पर आप जितनी ज्यादा रकम की शॉपिंग करेंगे उतना ही ज्यादा आपको फीस और चार्जेस लगाया जाएगा.

दूसरे एक फ्लिपकार्ट कस्टमर UAK ने अपनी ऑर्डर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए दिखाया की उन्हें भी ऐसे ही अलग अलग फीस के नाम पर 650 रुपए से लूटा गया है.

तीसरे ग्राहक प्रकाश रौनियार लिखते है की उन्हें भी बिना किसी कारण के 691 रुपए से लूटा गया है. और ऐसे ही सैंकड़ों लोगों ने भी इन कंपनियों के खिलाफ कंप्लेंट की है.

 

केंद्रीय मंत्री का आया जवाब

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री. प्रह्लाद जोशी ने इस लूटमार और ग्राहकों की कंप्लेंट को ध्यान में रखकर जांच और कारवाई का आश्वासन दिया. 

  
यह तब हुआ है जब सैकड़ों ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ ऑनलाइन ऑर्डर करने पर बेबुनियाद शुल्क लगाने की शिकायत की है. कई उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि ये प्लेटफॉर्म कैश ऑन डिलीवरी के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं, साथ ही त्योहारी सेल के दौरान, उच्च प्लेटफॉर्म शुल्क भी लगा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने अपने पोस्ट में कहा, "एक विस्तृत जाँच शुरू कर दी गई है और इन प्लेटफॉर्म्स की बारीकी से जाँच करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। भारत के बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और निष्पक्ष व्यवहार को बनाए रखने के लिए उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

जब कोई उपभोक्ता कैश ऑन डिलीवरी (COD) विकल्प चुनकर ऑर्डर देता है, तो फ्लिपकार्ट के संदेश में लिखा होता है: "हैंडलिंग लागत के कारण, इस (COD) विकल्प का उपयोग करके दिए गए ऑर्डर पर ₹10 का मामूली शुल्क लिया जाएगा। ऑनलाइन भुगतान करके इस शुल्क से बचें।" अमेज़न के मामले में, इसमें लिखा है: "₹10 का सुविधा शुल्क लागू होगा।"

इतना बड़ा है भारत का ऑनलाइन मार्केट

इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) की मई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन कदाचार के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का ई-कॉमर्स बाजार - जो वर्तमान में लगभग 160 बिलियन डॉलर का है - वित्त वर्ष 30 तक बढ़कर 345 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। 88.1 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, भारत के 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन खुदरा बाज़ार बनने की उम्मीद है।
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