इस वीडियो को पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने शेयर किया है। इससे पता चलता है कि गुसाईं भीड़ ने पहले पुलिस पर लाठियां फेंकी और उन पर ईंट भी फेंकी। शुरुआत में, घुसपैठिए हाथ में लाठियां लेकर खड़े रहे और पुलिस को डराने-धमकाने की कोशिश की। कुछ मिनट बाद, उनमें से 100 दे ज्यादा लोग खेतों में जमा हो गए और पुलिस पर लाठी, पत्थर और ईंटों से पथराव करने लगे। पुलिस असहाय होकर हाथो में पकड़े दंगा विरोधी ढाल का उपयोग करके आने वाले हमले को रोकने में कामयाब रही।
अभिजीत मजूमदार ने एक ट्वीट में लिखा, “यह घुसपैठियों और अतिक्रमणकारियों की जानलेवा भीड़ है जिससे असम पुलिस को निपटना था। यही कारण है कि भारत को एक राष्ट्रव्यापी, निर्विवाद एनआरसी की आवश्यकता है। नाइस जॉब." वीडियो को अन्य लोकप्रिय ट्विटर उपयोगकर्ताओं द्वारा भी व्यापक रूप से साझा किया गया था।
अन्य एक ट्विटर उपयोगकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता ऑक्सोमिया जियोरी ने ट्वीट कर बताया कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान अवैध अतिक्रमणकारियों द्वारा कुल 11 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। "अवैध बांग्लादेशियों के लिए मानवाधिकार है, लेकिन उनके (पुलिस) लिए नहीं?"This is the murderous mob of infiltrators and encroachers that the #Assam police had to deal with. This is why India needs a nationwide, watertight NRC. Nice job, @himantabiswa. pic.twitter.com/G5k6c5mlYH
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) September 23, 2021
असम पुलिस ने जारी की सफाई, माना आत्मरक्षा में की गई कार्रवाईWho will speak for the Human rights of these 11 on duty @assampolice officers , who was seriously injured by suspected Bangladeshi encroachers, when they were on duty yesterday in Gorukhuti to evict encroachers frm Govt land. Human right for illegal Bangladeshi but not for them ? https://t.co/90PX1HRNRL pic.twitter.com/DadANkytSc
— Oxomiya Jiyori 🇮🇳 (@SouleFacts) September 24, 2021
असम के दरांग जिले के सिपाझार में हुई हिंसक झड़पों में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। जीपी सिंह (विशेष डीजीपी) के अनुसार, लगभग 8 पुलिस कर्मी घायल हो गए और उनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। असम सरकार के सूत्रों ने कहा कि धौलपुर 25,000 एकड़ जमीन के साथ-साथ 5,000 साल पुराना शिव मंदिर और एक गुफा वाला क्षेत्र है। यह क्षेत्र अतिक्रमण का सामना कर रहा है और धीरे-धीरे अधिक लोग आ रहे हैं और वहां बस रहे हैं। सरकार के अनुसार, बांग्लादेशी अप्रवासियों द्वारा लगभग 30,000 एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। नतीजतन, स्वदेशी लोग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। इससे क्षेत्र में डकैती और लूटपाट की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है, और स्थानीय लोग इसके लिए अतिक्रमणकारियों को दोषी ठहराते हैं।
फोटो जर्नलिस्ट का शव पर कूदते हुए वायरल वीडियो 20 सितंबर का है
इससे पहले 20 सितंबर को धौलपुर 1 और धौलपुर 3 गांवों में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था और कुल 4500 बीघा भूमि को मुक्त कराया गया था. अगस्त में, धौलपुर 3 में जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले 200 परिवारों ने असम सरकार के अतिक्रमण हटाने की नोटिस के खिलाफ गुवाहाटी उच्च न्यायालय का रुख किया था। सोमवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक फोटो पत्रकार को, सुरक्षा बलों द्वारा गोली मारे गए एक व्यक्ति के शरीर पर कूदते देखा गया था। इस शख्स को पहले हाथ में छुरी लिए फोटोग्राफर का पीछा करते देखा गया था।
पुलिस अब इस घटना की जांच कर रही है और कैमरामैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तरह के अतिक्रमण हटाने के अभियान जून के महीने में लंका (होजई) और जमुगुरीहाट (सोनितपुर) में चलाए गए थे। ऐसा बताया जाता है कि दरांग मंडलदोई लोकसभा क्षेत्र का एक हिस्सा है जहां घुसपैठ विरोधी आंदोलन सबसे पहले शुरू हुआ था।Currently in Sipajhar, taking stock of the ground situation.
— DGP Assam (@DGPAssamPolice) September 23, 2021
The cameraman who was seen attacking an injured man in a viral video has been arrested.
As per wish of Hon. CM @himantabiswa I have asked CID to investigate the matter.
Cameraman Bijoy Bonia is in @AssamCid 's custody.