इंग्लैंड के स्कूलों में हिंदू-विरोधी घृणा से छात्रों को किया जा रहा प्रताड़ित- रिपोर्ट | Anti-Hindu Hate and Bullying in Britain's Schools

Discrimination And Bullying Faced By Hindu Students In UK Schools

News: इंग्लैंड के स्कूलों में हिंदू परिवारों के बच्चों को उनके धर्म और जाति की वजह से अपमान, भेदभाव और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। 

लंदन स्थित एक 'स्वतंत्र थिंक टैंक' की एक नई रिपोर्ट ने ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदू छात्रों (Hindu Students in Britain's Schools) द्वारा सामना किए जाने वाले भेदभाव और डराने-धमकाने की बात को उजागर किया है।

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London: About 51 per cent Hindu parents reported that their children had faced discrimination at school

लंदन स्थित हेनरी जैक्सन सोसाइटी (Henry Jackson Society, London) द्वारा प्रसारित इस रिपोर्ट के लिए अरब एंड इस्लामीक स्टडीज की पीएचडी उम्मीदवार शार्लोट लिटलवुड ने एक्सेटर विश्वविद्यालय के साथ सर्वे किया। इस सर्वे में 988 हिंदू माता-पिता को सहभागी किया गया था। उनमें से 51 प्रतिशत पेरेंट्सने बताया कि उनके बच्चों को स्कूल में भेदभाव (discrimination at school) का सामना करना पड़ा था।

अध्ययन में पाया गया कि माता-पिता द्वारा भेदभाव की तकरार के बावजूद, भारतीय विद्यार्थियों वाले 1 प्रतिशत से भी कम स्कूलों ने हिन्दू-विरोधी घृणा की घटनाओं की सूचना दी। इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण में शामिल केवल 19 प्रतिशत हिंदू माता-पिता का मानना ​​था कि स्कूल हिंदू-विरोधी घृणा (Anti-Hindu Hate) की पहचान करने में सक्षम थे।

पेरेंट्स द्वारा बताया गया की कई घटनाओं में छात्रो पर सीधे सीधे "हिंदू-विरोधी अपशब्द" इस्तेमाल किए गए। कुछ बच्चों को वर्षों से इस तरह की घृणा का सामना करना पड़ रहा है। लिटिलवुड ने रिपोर्ट पर पांच महीने बिताए, इस दौरान उन्हें एक मामले का सामना करना पड़ा, जिसमें पूर्वी लंदन में एक छात्र को इस तरह की घृणा और भेदभाव (Hate and Discrimination) के कारण तीन बार स्कूल बदलना पड़ा।

इस रिपोर्ट में एक पैरेंट के हवाले से लिखा गया है कि उनके बच्चे को दूसरे बच्चों की ओर से कई मौकों पर परेशान (बुलिंग) किया गया, विशेष रूप से पीएम मोदी के जागतिक नेता की छबी बनने और आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद।

अध्ययन में "हिंदुओं के प्रति अपमानजनक संदर्भों के कई उदाहरण पाए गए, जैसे उनके शाकाहार का मजाक उड़ाना और उनके देवताओं का अपमान करना"।

अन्य एक में, एक बच्चे को "उत्पीड़ित किया गया और कहा गया कि यदि वे इस्लाम में परिवर्तित हो जाते हैं, तो उनका जीवन बहुत आसान हो जाएगा" और दूसरे से कहा गया: "आप बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रहेंगे... यदि तुम जन्नत जाना चाहते हो, तुम्हें इस्लाम में आना होगा... खाद्य श्रंखला में हिंदू सबसे निचले शाकाहारी हैं, हम तुम्हें खा जाएंगे।"

रिपोर्ट में पूर्ण इंग्लैंड के कॉलेजों में 22 वर्ष की आयु तक के छात्रों को शामिल करने वाली विस्तृत घटनाएं भी शामिल हैं। मार्च में, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में कानून में मास्टर डिग्री के लिए अध्ययन कर रहे एक भारतीय छात्र करण कटारिया ने आरोप लगाया कि स्कूल में महासचिव के पद के लिए अपने अभियान के दौरान उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट के अनुसार कटारिया ने कहा, "उनके लॉ स्कूल में एक अकादमिक प्रतिनिधि के रूप में चुने जाने के बाद, मुझे महासचिव के पद के लिए खड़े होने का आत्मविश्वास महसूस हुआ। अभियान के दौरान, मेरे हिंदू होने के खिलाफ एक अभियान चलाया गया था।"

England में विभिन्न स्कूलों की संस्था 'इंडिपेंडेंट स्कूल काउंसिल' रिपोर्ट के खुलासे पर टिप्पणी करने में असमर्थ था। हालांकि, शिक्षकों ने न केवल हिंदू विद्यार्थियों के खिलाफ बल्कि विभिन्न धर्मों के छात्रों के खिलाफ भी नफरत की घटनाओं के बारे में बात की। उन्होंने ऐसी घटनाओं की पहचान करने और उनसे निपटने में मदद के लिए बेहतर उपकरण और प्रशिक्षण का आह्वान किया।
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